प्रातकाल प्यारेलाल आवनी बनी's image
0245

प्रातकाल प्यारेलाल आवनी बनी

ShareBookmarks

प्रातकाल प्यारेलाल आवनी बनी॥
उर सोहे मरगजी सुमाल डगमगी सुदेशचाल चरणकंज मगनजीति करत गामिनी ॥१॥
प्रिया प्रेम अंगराग सगमगी सुरंग पाग, गलित बरूहातुलचूड अलकनसनी ॥
कृष्णदास प्रभु गिरिधर सुरत कंठ पत्र लिख्यो करज लेखनी पुन-पुन राधिका गुनी ॥२॥

 

Read More! Learn More!

Sootradhar