फूट गये हीरा की बिकानी कनी हाट हाट's image
0395

फूट गये हीरा की बिकानी कनी हाट हाट

ShareBookmarks

फूट गये हीरा की बिकानी कनी हाट हाट,
काहू घाट मोल काहू बाढ़ मोल को लयो।
टूट गई लँका फूट मिल्या जो विभीषन है,
रावन समेत बस आसमान को गयो।
कहै कवि गँग दुरजोधन से छत्रधारी,
तनक मे फूँके तें गुमान बाको नै गयो।
फूटे ते नरद उठि जात बाजी चौसर की,
आपुस के फूटे कहु कौन को भलो भयो।

 

Read More! Learn More!

Sootradhar