नवल नवाब खानख़ाना जू तिहारी त्रास's image
0197

नवल नवाब खानख़ाना जू तिहारी त्रास

ShareBookmarks

नवल नवाब खानख़ाना जू तिहारी त्रास,
भागे देश पति धुनि सुनत निसान की।
गंग कहै तिनहूं की रानी रजधानी छाँड़ि,
फिरै बिललानी सुधि भूली खान-पान की।
तेऊ मिली करिन हरिन मृग बानरानी,
तिनहूं की भली भई रच्छा तहाँ प्रान की।
सची जानी करिन, भवानी जानी केहरनि,
मृगन कलानिधि, कपिन जानी जानकी॥

Read More! Learn More!

Sootradhar