मृगनैनी की पीठ पै बेनी लसै's image
0528

मृगनैनी की पीठ पै बेनी लसै

ShareBookmarks

मृगनैनी की पीठ पै बेनी लसै, सुख साज सनेह समोइ रही।
सुचि चीकनी चारु चुभी चित में, भरि भौन भरी खुसबोई रही॥
कवि 'गंग’ जू या उपमा जो कियो, लखि सूरति या स्रुति गोइ रही।
मनो कंचन के कदली दल पै, अति साँवरी साँपिन सोइ रही॥

Read More! Learn More!

Sootradhar