एक बुरो प्रेम को पंथ's image
0621

एक बुरो प्रेम को पंथ

ShareBookmarks

एक बुरो प्रेम को पंथ, बुरो जंगल में बासो
बुरो नारी से नेह बुरो, बुरो मूरख में हँसो
बुरो सूम की सेव, बुरो भगिनी घर भाई
बुरी नारी कुलक्ष, सास घर बुरो जमाई
बुरो ठनठन पाल है बुरो सुरन में हँसनों
कवि गंग कहे सुन शाह अकबर सबते बुरो माँगनो

Read More! Learn More!

Sootradhar