रूपांतर's image
0141

रूपांतर

ShareBookmarks


गिरती हुई धारों को
तेज़ हवा के झोंके
फुहारों में बदल देते हैं,

दृश्य से परे
देर तक लहराती रहती हैं,
धारों को काटती हुई फुहारें
और फुहारों को काटती हुई धारें

आँख के आगे
हर तरफ़ छा जाता है,
पानी का रूप भी,
रूपांतर भी ।

भीग जाता है,
त्वचा का वन भी,
वनांतर भी ।

Read More! Learn More!

Sootradhar