महान संकल्प ही महान फल का जनक होता है
जीना भी एक कला है, बल्कि कला ही नहीं तपस्या है।
ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
जीतता वह है जिसमें शौर्य,धैर्य,साहस,सत्व और धर्म होता है
जो लोग दूसरो को धोखा देते है वे लोग खुद धोखा खाते हैं और जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं उनके लिए कुआँ तैयार रहता है।
दुनिया बस अपने स्वार्थ की मीत है, बस उतना ही याद रखती है जितना कि उसका स्वार्थ चाहता है।
दही में जितना दूध डालते जाओगे वह दही बनता जायेगा वैेसे ही जो लोग शंका करते हैं उनके दिल में हमेशा शंका उत्पन्न होती ही रहती है।
वे लोग ही विचार में निर्भीक हुआ करते हैं जिन लोगों के अन्दर आचरण की दृढ़ता होती है।
बुद्धिमान लोग हमेशा स्वेच्छा से ही सही रास्ते पर चलते हैं।
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