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महान संकल्प ही महान फल का जनक होता है

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महान संकल्प ही महान फल का जनक होता है

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 

जीना भी एक कला है, बल्कि कला ही नहीं तपस्या है।

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 
ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 
जीतता वह है जिसमें शौर्य,धैर्य,साहस,सत्व और धर्म होता है 

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 

जो लोग दूसरो को धोखा देते है वे लोग खुद धोखा खाते हैं और जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं उनके लिए कुआँ तैयार रहता है।

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 
दुनिया बस अपने स्वार्थ की मीत है, बस उतना ही याद रखती है जितना कि उसका स्वार्थ चाहता है।

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 

दही में जितना दूध डालते जाओगे वह दही बनता जायेगा वैेसे ही जो लोग शंका करते हैं उनके दिल में हमेशा शंका उत्पन्न होती ही रहती है। 

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 

वे लोग ही विचार में निर्भीक हुआ करते हैं जिन लोगों के अन्दर आचरण की दृढ़ता होती है।

हजारी प्रसाद द्विवेदी

 

बुद्धिमान लोग हमेशा स्वेच्छा से ही सही रास्ते पर चलते हैं।

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Sootradhar