![दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/gullu_zara_su_kfjknjdnfn_d_iu.jpg)
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसाँ उतारता है कोई
दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ ग़म
जैसे ज़ेवर सँभालता है कोई
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
पेड़ पर पक गया है फल शायद
फिर से पत्थर उछालता है कोई
देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई
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