चले आ रहे हैं!'s image
0460

चले आ रहे हैं!

ShareBookmarks

है कद इनका गुटका
मगर पेट मटका,
अजब इनकी बोली,
गज़ब इनका लटका,
है आंखों में सुरमा,
औ' कानों में बाला,
ये ओढ़े दुशाला चले आ रहे हैं!
ये लाली के लाला चले आ रहे हैं!

कभी ये न अटके,
कभी ये न भटके,
खरे ही चले इनके
सिक्के गिलट के।
खरे ये न खोटे,
लुढ़कने ये लोटे,
बिना पंख देखो उड़े जा रहे हैं!
ये लाली के लाला चले आ रहे हैं!

है ओठों पे लाली,
रुखों पर गुलाली,
घड़ी जेब में है,
छड़ी भी निराली,
ये सोने में पलते,
ये चांदी में चलते,
ये लोहे में ढलते हैं गरमा रहे हैं!
ये लाली के लाला चले आ रहे हैं!

ये कम नापते हैं,
ये कम तोलते हैं,
ये कम जांचते हैं,
ये कम बोलते हैं,
ये 'ला' ही पढ़े हैं,
तभी तो बढ़े हैं,
न छेड़ो इन्हें, हाय शरमा रहे हैं!
ये लाली के लाला चले आ रहे हैं!

ये पोले नहीं हैं,
बड़ा इनमें दम है,
ये भोले नहीं हैं,
छंटी ये रकम हैं,
बड़ा हाज़मा है,
इन्हें सब हज़म है
हैं बातें बहुत, हम न कह पा रहे हैं!
ये लाली के लाला चले आ रहे हैं!

Read More! Learn More!

Sootradhar