पहले मैं जिस्म में
कैद हूं
जिस्म
गुरुत्वाकर्षण में
गुरुत्वाकर्षण कैद है
सौरमण्डल के क्रम में
सौरमण्डल
आकाशगंगा में
अकाशगंगा
अंतरिक्ष में
बाहर से मैं
गुलाम हूं
इन्द्रियों का
इन्द्रियां वासना की
वासनाएं अर्थ की
अर्थ व्यवस्था की
व्यवस्थाएं विचार की दास
और विचार ही हैं
जो मुझे
मुक्ति के लिए
प्रेरित करते हैं
और विचार
खुद बंदी हैं
मस्तिष्क में
कहते हैं
मस्तिष्क आत्मा का गुलाम है
आत्मा मैंने कहां देखी है ?
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