ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती's image
0326

ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती

ShareBookmarks

ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती

ज़िन्दगी है कि जी नहीं जाती


इन सफ़ीलों में वो दरारे हैं

जिनमें बस कर नमी नहीं जाती


देखिए उस तरफ़ उजाला है

जिस तरफ़ रौशनी नहीं जाती


शाम कुछ पेड़ गिर गए वरना

बाम तक चाँदनी नहीं जाती


एक आदत-सी बन गई है तू

और आदत कभी नहीं जाती


मयकशो मय ज़रूर है लेकिन

इतनी कड़वी कि पी नहीं जाती


मुझको ईसा बना दिया तुमने

अब शिकायत भी की नहीं जाती

 

Read More! Learn More!

Sootradhar