वो निगाहें सलीब है's image
0260

वो निगाहें सलीब है

ShareBookmarks

वो निगाहें सलीब है

हम बहुत बदनसीब हैं


आइये आँख मूँद लें

ये नज़ारे अजीब हैं


ज़िन्दगी एक खेत है

और साँसे जरीब हैं


सिलसिले ख़त्म हो गए

यार अब भी रक़ीब है


हम कहीं के नहीं रहे

घाट औ’ घर क़रीब हैं


आपने लौ छुई नहीं

आप कैसे अदीब हैं


उफ़ नहीं की उजड़ गए

लोग सचमुच ग़रीब हैं.

 

Read More! Learn More!

Sootradhar