किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम's image
0502

किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम

ShareBookmarks

किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम

किसी का हाथ उठ्ठा और अलकों तक चला आया


वो बरगश्ता थे कुछ हमसे उन्हें क्योंकर यक़ीं आता

चलो अच्छा हुआ एहसास पलकों तक चला आया


जो हमको ढूँढने निकला तो फिर वापस नहीं लौटा

तसव्वुर ऐसे ग़ैर—आबाद हलकों तक चला आया


लगन ऐसी खरी थी तीरगी आड़े नहीं आई

ये सपना सुब्ह के हल्के धुँधलकों तक चला आया

 

Read More! Learn More!

Sootradhar