
जब मैं सरकार को
शराब बेचने से नहीं रोकता
तो सरकार मुझे
शराब पीने से क्यों रोकती है
वह बेचती है, मैं पीता हूँ
लोग कहते हैं—
आदमी को आदमी नहीं रहने देती शराब
तभी तो सरकार लोगों से कहती है—
मेरे पक्ष में पियो
जो सरकार के पक्ष में पिए, वह भला
विपक्ष में पीता है जो, वह शराबी!
सत्ता के मद में डूबी सरकार को क्या कहें?
पीने वाले किसी के पक्ष में नहीं पीते
अपने पक्ष में भी नहीं
वे जब भी पीते हैं
तोड़ने लगते हैं
बनी-बनाई सरकार को
बन रही हो तो
रोकने लगते हैं बनने से
शराब की दूकान बंद करके
कब तक बची रहेगी सरकार
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