![तब हम एक भये रे भाई's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/Dadudayal.jpg)
तब हम एक भये रे भाई।
मोहन मिल साँची मति आई॥टेक॥
पारस परस भये सुखदाई।
तब दूनिया दुरमत दूरि गमाई॥१॥
मलयागिरि मरम मिल पाया॥
तब बंस बरण-कुल भरग गँवाया॥२॥
हरिजल नीर निकट जब आया।
तब बूँद-बूँद मिल सहज समाया॥३॥
नाना भेद भरम सब भागा।
तब दादू एक रंगै रँग लागा॥४॥
Read More! Learn More!