संग न छाँडौं मेरा-राग: गौरी's image
0187

संग न छाँडौं मेरा-राग: गौरी

ShareBookmarks

राग: गौरी

संग न छाँडौं मेरा पावन पीव।
मैं बलि तेरे जीवन जीव॥टेक॥

संगि तुम्हारे सब सुख होइ।
चरण-कँवलमुख देखौं तोहि॥१॥

अनेक जतन करि पाया सोइ।
देखौं नैनौं तौ सुं होइ॥२॥

सरण तुम्हारी अंतरि बास।
चरण-कँवल तहँ देहु निवास॥३॥

अब दादू मन अनत न जाइ।
अंतर बेधि रह्यो लौ लाइ॥४॥

 

Read More! Learn More!

Sootradhar