इत है नीर नहावन जोग's image
0233

इत है नीर नहावन जोग

ShareBookmarks

इत है नीर नहावन जोग॥
अनतहि भरम भूला रे लोग॥टेक॥

तिहि तटि न्हाये निर्मल होइ॥
बस्तु अगोचर लखै रे सोइ॥१॥

सुघट घाट अरु तिरिबौ तीर॥
बैठे तहाँ जगत-गुर पीर॥२॥

दादू न जाणै तिनका भेव॥
आप लखावै अंतर देव॥३॥

 

Read More! Learn More!

Sootradhar