
2) अधीत्येदं यथाशास्त्रं नरो जानाति सत्तमः।
धर्मोपदेशविश्यातं कार्याऽकार्याशुभाशुभम्।।
जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्यो के सिद्धांत प्राप्त होंगे। उसे ज्ञान होगा कि किन बातो का अनुशरण करना चाहिए और किनका नहीं करना चाहिए। उसे बुरे – भले का ज्ञान होगा और उसे सर्वोत्तम का भी ज्ञान होगा।
Read More! Learn More!