माहि सरोवर's image
0932

माहि सरोवर

ShareBookmarks

माहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै

नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु मारग मैं कै

पोंछत सीतन तैं श्रम स्वेदन, खेद हरै सब राति रमै कै

आवत जाति झरोखन कैं मग, सीतल बात प्रभात समै कै।

Read More! Learn More!

Sootradhar