खेलत फाग दुहूँ तिय कौ's image
0209

खेलत फाग दुहूँ तिय कौ

ShareBookmarks

खेलत फाग दुहूँ तिय कौ मन राखिबै कौ कियौ दाँव नवीनौ
प्यार जनाय घरैंनु सौं लै, भरि मूँठि गुलाल दुहूँ दृग दीनौ
लोचन मीडै उतै उत बेसु, इतै मैं मनोरथ पूरन कीनौ
नागर नैंक नवोढ़ त्रिया, उर लाय चटाक दै चूँबन लीनौ।

Read More! Learn More!

Sootradhar