बौरसरी मधुपान छक्यौ's image
0283

बौरसरी मधुपान छक्यौ

ShareBookmarks

बौरसरी मधुपान छक्यौ, मकरन्द भरे अरविन्द जु न्हायौ

माधुरी कुंज सौं खाइ धका, परि केतकि पाँडर कै उठि धायौ

सौनजुही मँडराय रह्यौ, बिनु संग लिए मधुपावलि गायौ

चंपहि चूरि गुलाबहिं गाहि, समीर चमेलिहि चूँवति आयौ।।

Read More! Learn More!

Sootradhar