मारग प्रेम को को समझै's image
0417

मारग प्रेम को को समझै

ShareBookmarks

मारग प्रेम को को समझै 'हरिचंद' यथारथ होत यथा है।
लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होने की सारी कथा है।
जानत है जिय मेरो भला बिधि और उपाय सबै बिरथा है।
बावरे हैं ब्रज के सगरे मोहिं नाहक पूछत कौन विधा है।

 

Read More! Learn More!

Sootradhar