हरि-सिर बाँकी बिराजै's image
099

हरि-सिर बाँकी बिराजै

ShareBookmarks

हरि-सिर बाँकी बिराजै।
बाँको लाल जमुन तट ठाढ़ो बाँकी मुरली बाजै।
बाँकी चपला चमकि रही नभ बाँको बादल गाजै।
’हरीचंद’ राधा जू की छबि लखि रति मति गति भाजै॥

 

Read More! Learn More!

Sootradhar