हैं निकहत-ए-गुल बाग़ में ऐ बाद-ए-सबा हम's image
0209

हैं निकहत-ए-गुल बाग़ में ऐ बाद-ए-सबा हम

ShareBookmarks

हैं निकहत-ए-गुल बाग़ में ऐ बाद-ए-सबा हम

दम भर में नुमूदार हैं दम भर में फ़ना हम

तशरीफ़ तो ले आएँ वो रूठे रहें हम से

झगड़ा तो मिटे सुल्ह भी हो जाएगी बाहम

हम तेरे शनासा हैं हमें ग़ैर से क्या काम

आगाह किसी से भी नहीं तेरे सिवा हम

पूछा था ये मैं ने कि मिटाएगा मुझे कौन

क़िस्मत अभी ख़ामोश थी जो उस ने कहा हम

वो कहते हैं दावा है उसे होश-ओ-ख़िरद का

'बेख़ुद' को पिलाएँगे मय-ए-होश-रुबा हम

Read More! Learn More!

Sootradhar