गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा - बशीर बद्र's image
0318

गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा - बशीर बद्र

ShareBookmarks
गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा
ज़िन्दगी तेरा चेहरा बदल जायेगा
कुछ लिखो मर्सिया मसनवी या ग़ज़ल
कोई काग़ज़ हो पानी में गल जायेगा
अब उसी दिन लिखूँगा दुखों की ग़ज़ल
जब मेरा हाथ लोहे में ढल जायेगा
मैं अगर मुस्कुरा कर उन्हें देख लूँ
क़ातिलों का इरादा बदल जायेगा
आज सूरज का रुख़ है हमारी तरफ़
ये बदन मोम का है पिघल जायेगा
Read More! Learn More!

Sootradhar