![बशीर बद्र की शायरी's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/%E0%A4%AC%E0%A4%B6%E0%A4%B0_%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B0.png)
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल
तीर सीने पे लगा हो जैसे
सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर
कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह
फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है
इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है
जिस को देखो मिरे माथे की तरफ़ देखता है
दर्द होता है कहाँ और कहाँ रौशन है
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल
तीर सीने पे लगा हो जैसे
सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर
कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह
फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है
इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है
जिस को देखो मिरे माथे की तरफ़ देखता है
दर्द होता है कहाँ और कहाँ रौशन है
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया
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