आग सी लग रही है सीने में's image
0179

आग सी लग रही है सीने में

ShareBookmarks

आग सी लग रही है सीने में

अब मज़ा कुछ नहीं है जीने में

आख़िरी कश्मकश है ये शायद

मौज-ए-दरिया में और सफ़ीने में

ज़िंदगी यूँ गुज़र गई जैसे

लड़खड़ाता हो कोई ज़ीने में

दिल का अहवाल पूछते क्या हो

ख़ाक उड़ती है आबगीने में

कितने सावन गुज़र गए लेकिन

कोई आया न इस महीने में

सारे दिल एक से नहीं होते

फ़र्क़ है कंकर और नगीने में

ज़िंदगी की सआदतें 'असलम'

मिल गईं सब मुझे मदीने में

Read More! Learn More!

Sootradhar