न आने दिया राह पर रहबरों ने's image
0225

न आने दिया राह पर रहबरों ने

ShareBookmarks

न आने दिया राह पर रहबरों ने
किए लाख मंज़िल ने हमको इशारे

हम आग़ोशे-तूफ़ाँ तो होना है एक दिन
सम्भल कर चलें क्यों किनारे-किनारे

यह इन्साँ की बेचारगी हाय तौबा
दुआओं के बाक़ी हैं अब तक सहारे

यह इक शोब्दा है, कि है मौज दिल की?
किसी को डुबोए किसी को उभारे

 

Read More! Learn More!

Sootradhar