
ये जीवन है
इस जीवन का
यही है, यही है, यही है रंग-रूप
थोड़े ग़म हैं, थोड़ी ख़ुशियाँ
यही है, यही है, यही है छाँव-धूप
ये ना सोचो, इसमें अपनी
हार है के जीत है
उसे अपना लो जो भी
जीवन की रीत है
ये ज़िद्द छोड़ो यूँ ना तोड़ो
हर पल इक दर्पण है
धन से, न दुनिया से
घर से न द्वार से
साँसों की डोर बंधी है
प्रीतम के प्यार से
दुनिया छूटे, पर ना टूटे
ये कैसा बंधन है
Read More! Learn More!