![आपसे बेहद मुहब्बत है मुझे's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/akbar-allahabadi_1523005999.webp)
आपसे बेहद मुहब्बत है मुझे
आप क्यों चुप हैं ये हैरत है मुझे
शायरी मेरे लिए आसाँ नहीं
झूठ से वल्लाह नफ़रत है मुझे
रोज़े-रिन्दी[1] है नसीबे-दीगराँ[2]
शायरी की सिर्फ़ क़ूवत[3] है मुझे
नग़मये-योरप से मैं वाक़िफ़ नहीं
देस ही की याद है बस गत मुझे
दे दिया मैंने बिलाशर्त उन को दिल
मिल रहेगी कुछ न कुछ क़ीमत मुझे
१.शराब पीने का दिन
२.दूसरों की क़िस्मत में
३.ताक़त
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