दीया किसानों को's image
363K

दीया किसानों को

प्रतिपल वह श्रम करता है,

कभी नहीं वह थकता है,

ग्रीष्म, शीत, वर्षा को सह,

चूते छप्पर के नीचे रह,

हालत उसकी पहचानो तो,

एक दीया किसानों को।


जीवन के झंझावातों को,

सह लेता है हो नीरव,

परती खेती का वक्ष चीर,

परहित करता है परमवीर,

उसकी व्यथा को जानो तो,

एक दीया किसानों को।


फटे-पुराने पहन वसन,

अभिलाषा का करके हनन,

सघन क्षेत्र हो या नि

Read More! Earn More! Learn More!