साक्षी पंछी's image

हमारी चहल-पहल और चहचहाहट,

सुनते होंगे आप हर सवेरे हमारी आहट!

हमारी सुरीली तथा सुंदर सी उपस्तिथि,

वहीं हममें से कुछ अलग प्रांतों से अतिथि!

गर्मियों में हम पंछियों को खोजने में पानी

सामने आती अड़चन और होती परेशानी!

वैसे हमारे कबूतर सखा बड़े पर्दे पर भी आए,

अभिनेत्री के कहने पर तो वो चिट्ठी थे ले जाए!

हमारे राष्ट्रीय पक्षी मयूर तो नृत्य में भी दक्ष,

वर्षा के दौरान उन्हें देख खुले रह जाते चक्ष!

हम तिनका-तिनका जोड़ घना घोंसला बनाते,

हमारे कुछ सखा मानो तो झूठ बोलने से डराते!

हम पक्षियों का बिना शब्दों का संवाद भी सूचक!

बोल तो मनुज ने निर्मित किए और बनाए रोचक,

जैसे कहते झूठ बोले काला कौआ काट खाएगा!

खैर,गर्मियों में पानी का इंतज़ाम हमें ज़रा सताएगा!

आपसे निवेदन बर्तन या सकोरे में रखें थोड़ा पानी,

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