याद हैं वो पहला स्कूल का दिन!
लंच के पहले कितने पीरियड हैं वो गिन,
तैयार हो जाते थे गेम्स का पीरियड हो जब,
कुछ को इंतजार स्कूल खत्म होगा कब!
कोई खेलता कोई गप्पों में रहता था मग्न,
हम निहारते थे वो विमान जो उड़ता था ऊंचे गगन,
काफी मज़ेदार होती थी वो खट्टी मीठी टॉफियां,
खरीदते थे कुल्फी हम लेकर मौजों की टोलियां,
कभी याद नहीं आती वो पहली डांट वाला दिन!
मन मेरा भूल जाता वो जो उसे करता खिन्न,
पर याद हैं मुझे वो पहला दिन जब हुई थी मित्रता,
कितनी प्यारी थी मेरी सहेली के मन की पवित्रता,
वो छोटी छोटी बातों पर कट्टी और पुच्ची,
और फिर मनाने के लिए बातें हो अच्छी और सच्ची,
याद हैं वो पहला कॉलेज वाला दिन!
जब सपनों के करीब खुदको पाया,
खुदको हौसला रखने को जब फिर समझाया!
वो पहला दिन जब किस
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