नया सफर's image

बर्ताव में जो था हमारे सब्र,

उसी से जीवन को हमपर फक्र!

तुम्हारी खिली हुई तबस्सुम,

देख लज्जित हो रहे कुसुम,

जटिल समय बीत गया,

रम्य सफर रोमांचक एवं नया!

प्राप्त हमें सादगी में राहत और सुख,

वात्सल्य से प्राप्त आनंद हमारे सम्मुख!

भूल गए हम व्यथित करने वाला हर दुखड़ा,

कैफ़ियत हैं मिजाज़ में तभी दमके ये मुखड़ा,

मासूमियत को बरकरार

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