नभ के पार से मानो रौशनी आई,
अरुण के उदय का संकेत लाई,
आनंदमय प्रतीत होती सवेरे की पुरवाई,
गगन ने कुछ बूंदें प्रकृति पर यूं बरसाई,
मोतियों सी सुंदर बूंद दूब पर उभर कर आई,
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नभ के पार से मानो रौशनी आई,
अरुण के उदय का संकेत लाई,
आनंदमय प्रतीत होती सवेरे की पुरवाई,
गगन ने कुछ बूंदें प्रकृति पर यूं बरसाई,
मोतियों सी सुंदर बूंद दूब पर उभर कर आई,