
बड़े बरसो बाद आज फिर तू याद आ गया,
ये आज किस ओर से निकला है सूरज,
कि एक बार फिर तू आज याद आ गया,
हमने तो छोड़ दी थी उम्मीद तेरे आ जाने की,
ये आज फिर कैसे तू इस दर आ गया,
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बड़े बरसो बाद आज फिर तू याद आ गया,
ये आज किस ओर से निकला है सूरज,
कि एक बार फिर तू आज याद आ गया,
हमने तो छोड़ दी थी उम्मीद तेरे आ जाने की,
ये आज फिर कैसे तू इस दर आ गया,