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पर्दा उठा रहा हूं मैं

वो सच जिसे परतों में छुपाया गया है,

कागज़ों का ढेरों में दबाया गया है,

झुठी गवाही से जिसे सुली चढ़ाया गया है,

और एक लाश सा जिसे जलाया गया है।


हां मैं सच हुं मैं तुम्हारा सच भी जानता हूं,

तुम चाहे लगा लो मुखौटा खुदा का,

तुम्हारे अंदर के शैतान को पहचानता हूं,

तुम गलत हो बुरे आदमी हो मैं सब जानता हूं।


हां मैं वो सच और मैं सबके सामने आ रहा हूं,

साथ अपने खुदा को भी कटघरे में ला रहा हूं,

जो छुपाया गया है उन फा

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