सिखाने से नहीं आती, फकीरी की अदा सारी |
ये रहमत छीन लेती है, जमाने भर की सब यारी ||
हर लम्हा एक कतरा है, हर कतरा भी तो लम्हा है |
कतराने की मोहब्बत में लम्हे ने ज़िन्दगी हारी ||
चुप बैठोगे तो इल्जामों का करे सौदा बन व्यापारी |
बोलने पर भी तो पागल का करता है फतवा जारी ||
जीवन का मोल पहचाने वक़्त की है समझदारी |
ये दुनिया चार दिन की है व् रातें मुफ्त बेचारी || <
Read More! Earn More! Learn More!