!["कर्म युद्धपथ" - विवेक मिश्र's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40viveka-misra/None/1658041241389_17-07-2022_12-29-25-PM.png)
विनय न मानने पर क्रुद्ध होना राम का अधिकार है,
विश्व शांति लक्ष्य पर बुद्ध का मुस्कुराना स्वीकार है,
है परमात्मा अंश आत्मा धर्मयुद्ध जिसका श्रृंगार है,
हो न चिंतित पार्थ किंचित जब संग में पालनहार है,
छोड़ मत यूँ गांडीव को सम्मुख शत्रु की ललकार है,
यहाँ न कोई रिश्ता नाता आत्मा शुद्ध व निर्विकार है,
बढ़ कर वर ले विजयमाल तू तो धर्म का पहरेदार है,
हो न चिंतित पार्थ किंचित जब संग में पालनहार है,
काट
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