![Time for change's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40vivek-tiwari/None/IMG_20211005_173314_05-10-2021_17-35-00-PM.jpg)
अभी जल ही तो हो तुम, बनोगे सैलाब तुम भी,
आसमान-अम्बुद में हो तो मेह कण (बूंद), बहे तो प्रवाहिनी रेवा हो तुम भी।
ठहरे तो तालाब, सिंधूर्मी सा फन उठाया तो कभी सुनामी- कभी सैलाब हो तुम भी।
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अभी जल ही तो हो तुम, बनोगे सैलाब तुम भी,
आसमान-अम्बुद में हो तो मेह कण (बूंद), बहे तो प्रवाहिनी रेवा हो तुम भी।
ठहरे तो तालाब, सिंधूर्मी सा फन उठाया तो कभी सुनामी- कभी सैलाब हो तुम भी।