
फिकर करता था तुम्हारे इश्क की अपने दोस्ती में
तूमने छोटी सी शर्त क्या रखी मुझको अजमाने से
वादा किया था तुमसे, मैं वादा निभाता रह गया
और न जाने मुझे तुम कब भूल बैठे जमाने से
तेरे एक कॉल मैसेज का इंतजार रहता था
सुबह से शाम के तराने से
कोशिश थी की एक जिक्र हो अपने प्यार का
बस वही ना हो सका मेरे रहने से
कि खैरियत था सब कुछ एक अरसे
Read More! Earn More! Learn More!