पुराने को रूखसत, नयी वफ़ा की है।
हमने कुछ पत्तियां तुमसे जुदा की है।
झड़ गये फूल, बीज मिट्टी में गिरा है।
सजा नहीं , हमने तुमको दुआ दी है।
टहनियों से अब निकलेंगी कोंपलें नई।
गिरे
Read More! Earn More! Learn More!
पुराने को रूखसत, नयी वफ़ा की है।
हमने कुछ पत्तियां तुमसे जुदा की है।
झड़ गये फूल, बीज मिट्टी में गिरा है।
सजा नहीं , हमने तुमको दुआ दी है।
टहनियों से अब निकलेंगी कोंपलें नई।
गिरे