एहसास रुह तक पहुंचाती नहीं's image
16K

एहसास रुह तक पहुंचाती नहीं

मुंडेऱ चिड़ियों से चहचहाती नही

पराग फूल पे भंवरे बुलाती नही

दस्तक हवाएं भी अब देती नहीं

एहसासें रुह को समझाती नहीं

बातें पुरानी दिल बहलाती नहीं

सुबह बाहें फैलाये बुलाती नहीं

यादें अब और मुझे सताती नहीं

जुबा

Tag: poetry और4 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!