
जूगनू तुम्हारी खातिर टिमटिमायेंगे
रात के आसमान में तारे भर आयेंगे
चांद के गोद में तुम खेल कर आना
सुबह के सूरज से भी आंखें मिलना
मौज संग भी खेलना खिलखिलाना
बेशक तुम थोड़ा कम पढ़कर आना
लड़कपन में खिलौने भी तोड़ लाना
अजनबी से नया रिश्ता जोड़ आना
मां के आंचल में छुप कर खो जाना
परियों की कहानी सुनकर सो जाना
हौसलों को मन के हर उड़ान बताना
बेशक तुम थोड़ा कम पढ़ कर आना
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