![महफिल दोस्ती की's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40vinod/None/1681128969889_10-04-2023_17-46-12-PM.png)
चलो एक बार फिर
महफिल दोस्ती की सजाते हैं
कुछ उनकी बीती सुनते हैं
कुछ अपनी बीती सुनाते हैं ।
दोस्त ही तो हैं जो कभी बड़े नही होते
कद और पद सामने खड़े नहीं होते
आज के दौर में वरना झुकता कौन है
दौड़ती जिंदगी में दो पल रुकता कौन है।
ये वो पागल हैं
जो वक्त को भी थाम देते हैं
हर गम को उड़ा दें हंसी के ठिटोलो में
जिंदगी को एक नया आयाम देते हैं ।
जमाना बदल गया यूं तो
पर ये दोस्त बदलते नहीं
रंग बदला है बालों का
चेहरे पर
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