![सितम देखते हैं full ghazal by Vinit Singh Shayar's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40vinitkumarbcom/None/IMG20220413205409_15-04-2022_00-06-27-AM.jpg)
आइने में हम अपना ग़म देखते हैं
उन्हें आज कल बहुत कम देखते हैं
हाथ रखते हैं गैरों के कंधे पर जब वो
हाथ को सर पे रख के सितम देखते हैं
हर महीने मनाते हैं वो बर्थ डे और
अपनी शादी में भी हम मातम देखते हैं
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आइने में हम अपना ग़म देखते हैं
उन्हें आज कल बहुत कम देखते हैं
हाथ रखते हैं गैरों के कंधे पर जब वो
हाथ को सर पे रख के सितम देखते हैं
हर महीने मनाते हैं वो बर्थ डे और
अपनी शादी में भी हम मातम देखते हैं