
आइने में हम अपना ग़म देखते हैं
उन्हें आज कल बहुत कम देखते हैं
हाथ रखते हैं गैरों के कंधे पर जब वो
हाथ को सर पे रख के सितम देखते हैं
हर महीने मनाते हैं वो बर्थ डे और
अपनी शादी में भी हम मातम देखते हैं
Read More! Earn More! Learn More!
आइने में हम अपना ग़म देखते हैं
उन्हें आज कल बहुत कम देखते हैं
हाथ रखते हैं गैरों के कंधे पर जब वो
हाथ को सर पे रख के सितम देखते हैं
हर महीने मनाते हैं वो बर्थ डे और
अपनी शादी में भी हम मातम देखते हैं