
मैं पहले की तरह फिर से तन्हा हो गया यारो
सुबह सुबह मेरा उनसे झगड़ा हो गया यारो
घटा के बिन नहीं मुमकिन है ये बरसात कैसे हो
हमारे बीच मुहब्बत की कोई शुरुआत कैसे हो
ये दिल उम्मीद का दामन क्यों ऐसे छोड़ देती है
वो मुझको देख के मुखड़ा क्यों ऐसे मोड़ लेती है
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