![महफ़िल सजा रहे हैं ghazal By Vinit Singh Shayar's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40vinitkumarbcom/None/IMG_20220322_201641_02-04-2022_15-39-27-PM.jpg)
क्या बात है कि हम यूँ गुनगुना रहे हैं
इंतज़ार में किसके महफ़िल सजा रहे हैं
मैं हूँ भी यहाँ पर या मैं हूँ कहीं और
मौला मेरे ये कैसा मंज़र दिखा रहे हैं
कोई ज़वाब तो दे दे मेरे सवाल का अब
क्या सबब है वो हमारे क़रीब आ रहे हैं
वो सामने हैं बैठें गुलाब ले
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