दुनियाँ घूमी जाती हैं gazal by Vinit Singh Shayar's image
350K

दुनियाँ घूमी जाती हैं gazal by Vinit Singh Shayar

आना नहीं था फिर क्यूँ यूँ ही आती है

कुछ तरह से भी वो प्यार जताती है


हम को देख के कमरे में वो चली गई

सामने फिर झुमके में वापस आती है


हमको मजनू बोल बोल के चिढ़ा रही है

ना जाने सखियों को क्या बताती है


रहते हैं खामोश वैसे तो महफ़िल में

वरना मेरी ग़ज़लों पर झूमीं जाती है


ज़ालिम दुनियाँ वालों से छुप छुपकर

हर

Read More! Earn More! Learn More!