दिन गुज़रा मेरा अक्सर जिनकी गुलामी में gazal by Vinit Singh Shayar's image
102K

दिन गुज़रा मेरा अक्सर जिनकी गुलामी में gazal by Vinit Singh Shayar

दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है

इस मौसम में गुनगुनाया जा सकता है


आज़मा कर हमें वो कहते हैं बज़्म में

और इक बार तुम्हें आज़माया जा सकता है


जिन्हें सुनना है दर्द मेरा ठहरे रात बाक़ी है

जिनको है ज़रूरी काम वो जा सकता है


अब कहीं जा

Read More! Earn More! Learn More!