159K
दिन गुज़रा मेरा अक्सर जिनकी गुलामी में gazal by Vinit Singh Shayar
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है
इस मौसम में गुनगुनाया जा सकता है
आज़मा कर हमें वो कहते हैं बज़्म में
और इक बार तुम्हें आज़माया जा सकता है
जिन्हें सुनना है दर्द मेरा ठहरे रात बाक़ी है
जिनको है ज़रूरी काम वो जा सकता है
अब कहीं जा
Read More! Earn More! Learn More!